ये रिश्ता क्या कहलाता है
S67 E1017 14 August 2023
मंजिरी अभिनव से मिलती है। अभिमन्यु अक्षरा कि हालत के बारे मे सोचता है। और अभीर के लिए परेशान हो जाता है। मनीष रोते हुए कहता है कि अभिनव को हमारी उमर भी लगती तो आज वो जिंदा होते । यह सुनकर सब रोने लगते है कायरव सबसे कहता है कि मेरी बहन अक्षरा के साथ इतना बुरा क्यो हुआ। सुरेखा मनीष से कहती हैं कि पाप और पुण्य कुछ नही होता ऐसा होता तो अक्षरा के साथ इतना बुरा नही होता। इतने मे ही पडिंत जी आते है |
और कहते है कि अंतिम संस्कार कोन करेगा । इधर सब कहते है कि रीत के हिसाब से अभीर को ही अभिनव का अंतिम संस्कार करना होगा । पर अभिर को इस बारे कुछ नही पता। अक्षरा आकर कहती है कि अभीर अंतिम संस्कार नही करेगा । अक्षरा मनीष से कहती है कि अभीर 6 साल का है वो ये कुछ भी नही समझेगा| आप सब मुझसे पुछिए इस बात का एक बच्चे पर क्या असर पड़ेगा, अभीर इस दर्द से कभी भी उभर नही पायेगा | सुहासिनी अक्षरा से कहती है कि फिर अंतिम संस्कार कौन करेगा । तो अक्षरा कहती है कि अभिनव का अंतिम संस्कार मै करूंगी ।
मनीष और सुवर्णा अभीर के कमरे मे आते है और उनके लिए टिव्ही पर कार्टून लगाते है। और जाने कहते है कि अभीर अपने पिता का अंतिम दर्शन नही कर पायेगा । अक्षरा अभिनव का अंतिम दर्शन करने आती है। सब अभिनव को देखकर रोने लगते है। अक्षरा अभिनव से बाते करती है। अक्षरा अभीर के बारे मे बात करती है। और कहती है कि आप आराम से जाइए मै सब संभाल लुंगी । अभिनव से कहती है कि मेरे जिंदगी मे आने के लिए Thank you कहती है।
अक्षरा अभिनव के शव के पास परिवार का फोटो रख देती है। रुही और अभीर अभिनव का इंतजार करते है। रुही और अभीर को कमरे मे बंद कर देते है। इसलिए रुही और अभीर बाहर निकलने कि कोशिश करते है। अभिनव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते । अभीर और रूही को उनके साथ क्या हो रहा है कुछ समझ मे नही आता है । सुहासिनी निलम्मा और सुरेखा घर पर रुक जाते है।
उनको रूही और अभीर कि आवाज सुनाई देती है। इधर अभिमन्यु वकिल से कहता है कि मुझे अभीर के पास जाना है, मुझे यहा से बाहर निकालिए । अक्षरा अभिनव का अंतिम संस्कार करती है। अक्षरा और सब अभिनव के साथ बिताए हुए दिन याद करते है। अक्षरा अभिनव को अग्नि देती है। वहा मंजिरी शेफाली और पार्थ आते है।
कायरव उन्हें रोकता है । कायरव मंजिरी से कहता है कि आपको अभिमन्यु के आगे कोई नही दिखता और अभिमन्यु को खुद के आगे नही दिखता अभिमन्यु ने अक्षरा कि जिदंगी बरबाद कर दी है। मंजिरी अक्षरा को अपनी बेटी कहती है उसके पास जाने दो ऐसा कायरव से कहती है । कायरव अभिमन्यु को खुनी कहता है। मनीष कायरव को रोकता है तो मुस्कान मनीष से कहती है कि इन्होंने मेरे अभिनव भाईजी को छिना है। आप इन्हे यहा रुकने के लिए कह रहे है । मनीष मुस्कान से कहता है कि इन्हे हम अभिनव का अंतिम दर्शन करने से मना नही करेंगे |