गोयंकाज और बिरलाज एक रेस्टॉरंट मे आते है| मंजिरी अक्षरा अभिनव को एक मौका देती है| सुरेखा आरोही से कहती है। यहाँ आकर कोई फायदा नही होगा अभिर अभिमन्यु को मनाने कि कोशिश करता है| अभिनव अभिमन्यु को रोकने कि कोशिश करता है। अभिमन्यु नही रुकता| कायरव अभिमन्यु से गुस्सा हो जाता है। मनीष अक्षरा को अभिमन्यु से बात करने के लिए कहता है। अभिनव भी यही बात कहता है|
मुस्कान और कायरव एक दुसरे से नाराज होते है| तो अभिनव उनकी नाराजगी दूर करता है| मुस्कान और कायरव के बीच सब ठिक हो जाता है| अभिमन्यु को अक्षरा समझाने कि कौशिश करती है। अभिमन्यु वहाँ जाने कि कोशिश करता है फिर अक्षरा अभिमन्यु को अभिर का बनाया हुआ कार्ड देती है| अक्षरा कहती है तुम्हारी शर्तो पर सबकुछ नही होता यह कहकर उसे समझाती है| लेकिन अभिमन्यु उसकी बात नही सुनता वहाँ से चला जाता है|
मनीष अभिनव से कहता है की अक्षरा और अभिर के लिए आप ही परफेक्ट है| मनीष अभिनव का जन्मदिन मनाने की बात करता है| अभिनव जन्मदिन मनाने से मना कर देता है| अभिमन्यु अभिर का कार्ड पढता है| मंजिरी अभिमन्यु से कहती है कि दर्द में तुम्हे यहाँ रहने का मन नही कर रहा है, तो यहाँ से चले जाते है| अभिमन्यु कहता है मुझे क्या करना है मुझे समज आ चुका है|
पूरा परिवार मिलके क्रिकेट खेलता है । इधर अभिनव को अजीब सी बेचैनी होने लगती है और वो अभिर और अक्षरा को गले लगाता है इतने में ही अभिमन्यु आता है|