आज के एपिसोड मे
- अक्षरा अभिमन्यु को हॉस्पिटल से जाने से रोक पायेगी ?
- मंजिरी कि ताब्यत ठिक हो पयेगी ?
- अक्षरा अभिमन्यु को समझा पायेगी ?
- अक्षरा मंजिरी को संभाल पायेगी ?
- अक्षरा और अभिमन्यु मंजिरी को ढुंड पायेंगे
अभिमन्यु बाईक चलाते हुए मंजिरी और उसके बातो को याद करता है । और वो गोयंका हाऊस आता है। अक्षरा खिडकी के पास आती है तब उसे वहां अभिमन्यु दिखता हैं । अक्षरा अभिमन्यु के पास आकर उसे बाते करती है। अभिमन्यु अक्षरा को मंजिरी कि हालत के बारे मे बता देता है। अक्षरा अभिमन्यु को समझाने कि कोशिश करती है। उसे मंजिरी के पास जाने के लिए कहती है। अक्षरा अभिमन्यु को चॉकलेट देती है। अभिमन्यु अक्षरा से कहता हे कि तुम अभी इस वक्त मां के पास चल सकती हो ? शायद तुम्हारे गाना गाने से मां का पैनिक अटैक थोड़ा कम हो जायेगा | अक्षरा कहती है कि मै तुम्हारे साथ चलुंगी | अक्षरा अभिमन्यु के साथ उसकी बाईक पर बैठकर बिरला हाऊस जाती है
मंजिरी कि हालत खराब होती है और वो अभिमन्यु को आवाज देती है। अक्षरा मंजिरी के पास आकर गाना गाती है । उसे शांत करने कि कोशिश करती है। फिर भी मंजिरी अभिमन्यु को बुलाती है । पर अभिमन्यु मंजिरी के पास नही जाता । सुबह दिन पर दिन मुस्कान का शक कायरव पर बड़ जाता है। अभिमन्यु महिमा को MD का इस्तिफा देता है और हॉस्पिटल से भी रिजाइन करता है। अभिमन्यु हॉस्पिटल से जाने कि तयारी करता है। सब अभिमन्यु को जाने से रोकते है। फिर भी अभिमन्यु नही मानता । अक्षरा अभिमन्यु को हॉस्पिटल से जाने से रोकने के लिए उसके ही पेशंट कि फाईल सब के सामने पढ़ती है। और अभिमन्यु से कहती है कि इतने सारे लोगो कि जिंदगी तुमसे जूडी है। तुमसे अच्छा डॉक्टर कोई नही है। हमे तुम पर भरोसा है।
अक्षरा उसे जाने से रोकती है। अभिमन्यु अक्षरा से कहता है कि ये मुझसे नही होगा । इधर शेफाली और मंजिरी कि गाडी रस्ते पर ही खराब होती है। शेफाली गाडी से बाहर उतरती है और गाडी के इंजन को चेक करती है। मंजिरी वहा काम करते हुए लागो कि मशीन से निकलते हुए आग के बॉल को देखती और डरती है। शेफाली मंजिरी से पानी कि बॉटल मांगती है। पर मंजिरी आवाज नही देती । इसलिए शेफाली मंजिरी को गाडी मे देखती है । मंजिरी को गाड़ी में पाकर डर जाती है। और वो अभिमन्यु को फोन लगाती है। शेफाली के पास अक्षरा और अभिमन्यु आते है । अक्षरा शेफाली से पूछती है कि आप जा कहां रहे थे ? शेफाली अक्षरा से कहती है कि हम मंदिर जा रहे थे। चाची को जाना था इसलिए ।
अक्षरा अभिमन्यु और शेफाली मंजिरी को ढूंढते है। वहां जितने भी लोग है । उनसे अक्षरा अभिमन्यु और शेफाली मंजिरी कि फोटो दिखा के उनसे मंजिरी के बारे मे पुछते है ? अभिमन्यु को रस्ते पर मंजिरी का फोन मिलता है। अक्षरा कान्हा जी से प्रार्थना करती है। मंजिरी आग के हादसे को याद करते करते रस्ते पर चलती है और डरती है। उसकी तब्यत और भी खराब हो जाती है।